‘वोकल फॉर लोकल’ के लिए मील के पत्थर सिद्ध होगे ‘जीएसटी’ के नए प्रावधान
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जुलाई 2022 से भारत मे जीएसटी की 5% कर की दरे उन सभी खाद्य
वस्तुओ पर भी लागू हो गयी है जो अभी तक इससे अछूते थी। इससे पहले केवल ब्रांडेड खाद्य वस्तुओ
पर 5% की दर से कर लागू था। ब्रांडेड अर्थात ट्रेड मार्क के अंतर्गत पंजीकृत वस्तुओ
पर यह दर लागू थी। किन्तु समय के अनुसार और केंद्र समेत राज्यो को हो रहे रेविन्यू
के नुकसान को ध्यान मे रखते हुये सभी प्रकार के प्री-पैक्ड पंजीकृत और गैर पंजीकृत
समेत सभी प्रकार की खाद्य वस्तुओ पर जीएसटी को लागू किया गया।
सरकार को हो रही
राजस्व की हानी :- इस एक उदाहरण से
हम समझ सकते है कि क्यो सरकारो को इस नियम को लाने कि जरूरत महसूस हुयी- इससे पहले
यहा हम यह बतादे कि यह कर दर केवल 25 किलोग्राम से कम वजन वाले पहले से पैक सामानो
पर लागू होगी। छोटी-छोटी दुकानों पर मिलने वालों खुले समान पर यह दर लागू नहीं
होगी, वो पहले कि तरह ही अपनी वस्तुओ को बेच सकेगे। अब बात करते है की इसकी जरूरत क्यो
पड़ी तो जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत व्यापारी को खरीदी पर चुकाए गए कर पर रिबेट मिलती
है। जो माल बेचने पर बिक्री पर लगने वाले कर से बराबर हो जाता है। किन्तु प्री-पैक्ड
खाद्य वस्तुओ के टैक्स फ्री होने के साथ कारण व्यापारी को खरीदी पर चुकाए टैक्स की
रिबेट को रिफ़ंड के रूप देने के लिए सरकार को बाध्य होना पड़ रहा था। जिसके कारण सभी
सरकारो को राजस्व की हानी उठानी पड़ रही थी।
वोकल फॉर
लोकल के लिए वरदान :- कोरोना महामारी के
समय भारत के प्रधानमंत्री जी ने स्थानीय व्यापार को प्राथमिकता देने के लिए वोकल फॉर
लोकल का नारा दिया था। जिसमे यह आहवन किया था कि अपनी जरूरत की कम से कम एक वस्तु अपने
आस पास की दुकान या बनाने वाले से खरीदी जाए। प्रधानमंत्री के उसी आह्वान को जीएसटी
के नए नियम मूर्तरूप देने मे मील का पत्थर साबित हो सकते है क्योकि जीएसटी कर की 5%
की दर केवल 25 किलोग्राम से कम की पहले से पैक की हुयी वस्तुओ पर लागू हो। दुकान पर
मिलने वाली खुली सामाग्री पर यह दर लागू नहीं होगी। जैसे यदि हम सांची का पैक दूध खरीदते
है तो हमे अब 5% कर जीएसटी के रूप मे चुकाना होगा लेकिन दूध की डेरी
पर से खुला दूध खरीदने पर यह जीएसटी कर लागू नहीं होगा। इसी प्रकार शहरों और कस्बो मे लगाने वाले हाट-बाजार
से सामान खरीदी पर किसी प्रकार का कोई जीएसटी कर नहीं लगेगा। शहरों में बड़े बड़े माल
और सुपर मार्केट से पहले
पैक्ड सामान खरीदी पर ही लागू होगी। दूध, दाले, गेहु, ज्वार, बाजरा, ओट्स, मक्का, चावल, रवा, बेसन, आटा, दहि, लस्सी
आदि वस्तुओ को खुले रूप अर्थात बिना पहले से पैक किए हुये सीधे बाजार से खरीदने पर
जीएसटी टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं होगी। जैसे पहले खरीदी की जा रही थी चलती रहेगी।
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