Indian Economy
India 5th Largest Economy
भारत
की विकास यात्रा निरंतर आगे बढ रही है, पिछले कुछ दिनो से आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिये सकारात्मक
माहौल दिखाई देने लगा है, लगातार
आ रही सकारात्मक खबरो से भारत के प्रति विश्व का नजरिया भी लगातार बदल रहा है. अभी
एक खबर आयी है कि भारत विश्व की पांचवी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बन गया है. यूके के पछाड
कर भारत विश्व मे अर्थव्यवस्थ मे पांचवे स्थान पर पहुच गया है. पिछले कुछ दिनो के भीतर
जारी हुयी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट मे बताया गया है कि कोरोना महामारि और रुस-यूक्रेन
युध्द के कारण विश्व के अनेक देश मंदी का सामना कर रहे है और कुछ देशो मे मंदी रहने
की सम्भावना है, लेकिन भारत मे मंदी होने की सम्भावना शून्य है.
इसका अर्थ यह है कि भारत मे मंदी को लेकर जो भी भ्रम बनाने का प्रयास किया जा रहा है
वो निराधार है.
आर्थिक मोर्चे पर भारत लगातार मजबूत हो रहा है. आइएमएफ और हिस्टोरिक एक्सचेंज
रेट के डेटाबेस के आधार पर ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट तैयार की जिसमे कहा गया कि अर्थव्यवस्था
के मोर्चे पर यूके को पछाड कर भारत ने फिरसे विश्व मे पांचवे स्थान पर अपनी जगह बना
ली है. अपनी रेपोर्ट मे ब्लूमबर्ग ने आगे बताया है कि यदि भारत इसी प्रकार आगे बढता
रहेगा तोह आने वाले समय मे भारत और यूके की अर्थव्यवस्था मे अंतर लगातार बढता चला जायेगा.
भारत और यूके की जनसंख्या मे भी बडा अंतर है, किंतु भारत मे लोगो की आय मे लगातार वृध्दि हो रही है. ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट मे बताया कि मार्च-२०२२
की तिमाही के अंतिम दिन मे डॉलर विनिमय दर के आधार पर नकद शर्तो मे यूके की अर्थव्यवस्था
का आकार ८१६ बिलियन डोलर था, जबकि यूके के मुकाबले भारत मे ८५४.७ बिलियन डोलर था.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के कुछ ही दिन पहले भारत मे
वर्ष २०२२-२३ की पहली तिमाही मे जीडीपी के आंकडे जारी किये गये. जिसमे बताया गया कि
भारत मे पहली तिमाही मे जीडीपी वृध्दि दर १३.५% रही. जो कि भारत के लिये एक महत्वपूर्ण
खबर है. इसके पिछे के कारण पर जाये तो हम पायेगे कि भारत सरकार के द्वारा आर्थिक क्षेत्र
मे लिये जा रहे निर्णय इसमे बडी भूमिका निभा रहे है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के साथ ही
एसबीआई ने भी भारत की आर्थिक गतिविधिओ के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमे यह
अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष २०२३ मे भारत की जीडीपी वृध्दि दर ६.७ से ७.७ प्रतिशत
के बीच रहने की सम्भावना है. भारत मे लगातार हो रहे आर्थिक सुधार और अर्थव्यव्स्था
के क्षेत्र मे सरकार के निर्णय भारत की अर्थव्यस्था को लगातार मजबूती प्रदान कर रहे
है. भारत के भीतर रोजगार के सृजन को लेकर भी लगातार एक सकारात्मक वातावरण का निर्मण
हो रहा है. जिसके कारण भारत का युवा स्वरोजगार की ओर आगे बढ रहा है. जो भारत के भविष्य
के लिये एक शुभ संकेत भी है.
जैसे कि खिलोना उद्योग, सुरक्षा उपकरण निर्माण उद्योग, फार्मा उद्योग,
सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटो उद्योग आदि आदि। खिलौना
उत्पादों एवं रक्षा उत्पादों के साथ ही प्रौद्योगिकी, सूचना
तकनीकी, आटोमोबाईल, फार्मा, मोबाइल उत्पादन, नवीकरण ऊर्जा, डिजिटल व्यवस्था, बुनियादी क्षेत्रों का विकास,
स्टार्ट अप्स, ड्रोन, हरित
ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में भी
भारत अपने आप को तेजी से वैश्विक स्तर पर स्थापित कर रहा है। भारत की ओर से
लगातार बढते निर्यात को देखते हुये भारत सरकार के द्वारा वर्ष २०३० तक निर्यात को २
लाख करोड डोलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है.
जीएसटी टैक्स कलेक्श्न मे भी लगातार वृध्दि
देखी जा रही है. जुलाई-2022 के जीएसटी रेवेन्यू में भी भारी बढ़ोतरी देखने के लिए
मिल रही है। जो भारत की आर्थिक सुदृढता को दर्शाता है। जुलाई-2022 में भारत का
जीएसटी टैक्स कलेक्शन लगभग 1.49 लाख करोड़
का रहा है। अप्रैल-2022 जीएसटी कलेक्शन 1.67 लाख करोड़ से अधिक रहा था, जुलाई-2022 का जीएसटी कलेक्शन जीएसटी में
अभी तक का दूसरा सबसे अधिक कलेक्शन जुलाई-2022 में दर्ज किया गया है। जीएसटी
कलेक्शन पर नजर दौड़ाई जाए तो हम पाएंगे कि ऐसा पहली बार हुआ है जहां पांच महीने तक
लगातार जीएसटी कलेक्शन 1.40 लाख करोड़ से अधिक रहा है। जीएसटी कलेक्शन में लगातार
हो रही वृद्धि भारत के भीतर बाजार का मजबूत होना दर्शाता है। पिछले वर्ष
जुलाई-2021 में जीएसटी कलेक्शन 1.16 लाख करोड़ से अधिक था, वही
जुलाई-2022 में जीएसटी कलेक्शन 1.49 लाख करोड़ के करीब है। पिछले वर्ष की तुलना में
इस वर्ष जुलाई माह में जीएसटी कलेक्शन में लगभग 28% की वृद्धि हुई है।
भारत में हो रहे
लगातार आर्थिक परिवर्तन अर्थव्यवस्था को हर मोर्चे पर सुदृढ़ बना रहे है। जिसका
प्रभाव सभी ओर दिखाई भी देने लगा है। एक ओर जहां भारत का निर्यात लगातार बढ़ रहा है
तो वहीं दूसरी ओर जीडीपी के आंकड़ों में भी लगातार वृद्धि भारत को विश्व में एक
विशेष स्थान प्रदान कर रही है। जीडीपी वृद्धि दर में हो रही बढ़ोतरी भारत की ओर
निवेशकों को भी लगातार आकर्षित कर रही है। भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवीं
सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर आयी है। जो भारत को सुदृढ़ रूप में
स्थापित कर रही है। आर्थिक मोर्चे पर आ रही हर ओर से खबरें भारत को निवेश के लिए
एक विश्वसनीय स्थान के रूप में स्थापित कर रही है।
दो वर्षों की कोरोना महामारी और उसके रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद जहां विश्व
के अनेक देश अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर गंभीर संकट का सामना कर रहे है। भारत में
लगातार तेज गति से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था और निर्यात में लगातार हो रही
चहुन्मुखी प्रगति तथा देश के पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध विदेशी मुद्रा भंडार
के चलते ही वैश्विक आर्थिक संस्थान लगातार यह आभास दे रहे हैं कि भारत में मंदी की
सम्भावनाएं लगभग शून्य ही हैं। वही भारत आपदाओं को अवसरों में बदल कर आत्मनिर्भरता
के लक्ष्य को प्राप्त करने में जुट गया है।
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