हिंदी भाषा - रोजगार का साधन

'भाषा', संवाद का प्रमुख साधन होती है, यदि हम जिस भी क्षेत्र में जाएं और वहां की भाषा में संवाद कर संबंध स्थापित करें तो भाषा के आधार पर संबंध प्रगाढ़ होते है। जब भी हम अपने क्षेत्र से बाहर निकलते है और किसी ऐसे क्षेत्र में जाते है जहां की भाषा भिन्न है और ऐसे में कोई हमारी भाषा जानने वाला अंजान व्यक्ति भी मिल जाएं तो सुरक्षा का भाव जागृत हो जाता है। भाषा की व्यापकता और एकरूपता सुरक्षित वातावरण का निर्माण करती है। यही भाषा हमारे रोजगार का साधन भी बन जाती है।


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              विश्व में हिंदी भाषा को भारत की मुख्य पहचान के रूप में जाना जा रहा है। कुछ समय पूर्व तक हिंदी भाषा को हीन कहने वालें लोग भी हिंदी भाषा का महत्व क्या है, उसे समझने लगें है तथा स्वीकार करने लगे है। भारत के भीतर हिंदी भाषा अधिक व्यापक हो गयी है। अब हिंदी केवल उत्तर भारत की भाषा नहीं है। बल्कि समय के साथ हिंदी भाषा सम्पूर्ण भारत की भाषा बनती जा रही है। हिंदी को भारत के भीतर भी सभी ओर लगातार स्वीकारा जा रहा है और हिंदी को राष्ट्रीय पहचान मिल रही है।

 

                 हिंदी भाषा रोजगार के अवसर भी लेकर आ रही है। जहां पूर्व के समय में हिंदी भाषा केवल एक साहित्यिक भाषा के रूप में प्रयोग की जाती थी। धीरे-धीरे व्यापार और व्यवसाय जगत में भी हिंदी भाषा का अधिकार प्रबल हो रहा है। एक ओर स्कूल कॉलेजों में हिंदी भाषा विषय को लेकर रूझान बढ रहा है तो वही दूसरी ओर हिंदी विषय के अतिरिक्त इंजीनियरिंग और मेडिकल संकायों के विषयों को भी हिंदी भाषा में तैयार किया जा रहा है। जिससे सभी क्षेत्रों में हिंदी भाषा का गौरव बढ़ रहा है। समय अनुसार सभी विषयों को हिंदी भाषा में भी रूपांतरित करने की तैयारी चल रही है।

 

              रोजगार के लिए भाषा का सरल होना आवश्यक है, जिस पर हिंदी भाषा खरी उतरती है। सामान्य व्यवसाय से लेकर वर्तमान में मार्केटिंग के क्षेत्र में भी हिंदी भाषा अपनी पैठ बना चुकी है। भारत के छोटे शहरों और गांवों तक हिंदी भाषा के माध्यम से बडी-बड़ी कम्पनियां सरलता से अपने उत्पादों को बेच पा रही है। छोटी से छोटी कम्पनी से लेकर भारत की सबसे बड़ी कम्पनियां तक सभी हिंदी भाषा को महत्व देने लगें है। व्यापार जगत में हिंदी भाषा प्रचार - प्रसार का एक महत्वपूर्ण साधन बनती जा रही है।

 

                   हिंदी भाषा एवं साहित्य के विषय में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को भी रोजगार मिलने में सरलता होने लगी है। भारत के सभी क्षेत्रों हिंदी भाषा की मांग लगातार बढ़ रही है। जिसके कारण अन्य भाषा में लिखे साहित्यिक रचनाओं को हिंदी में अनुवाद करने का काम भी बड़े स्तर पर चल रहा है। अन्य भाषाओ मे साहित्यिक रचनों को हिन्दी मे अनुवाद करना और उसे प्रकाशित कर मोलिक रचना को हिन्दी मे उपलब्ध कराने का काम बहुत से प्रकाशन कर रहे है। ऐसे सभी प्रकाशनों को हिन्दी के अच्छे जानकारो की आवश्यकता होती है।

                                        मार्केटिंग के क्षेत्र मे भी अच्छे हिन्दी भाषी और अनुभवी लोगो को रोजगार मिलने मे सरलता होती है। भारत मे हिन्दी मार्केटिंग का व्यापार 2100 से अधिक का हो गया है। भारत के ग्रामीण अंचलो मे हिन्दी स्थानीय एवं क्षेत्रीय भाषा के अलावा हिन्दी भाषा का भी ज्ञान होता है। जिसके कारण ग्रामीण अंचलो मे बड़ी कंपनिया हिन्दी के माध्यम से अपनी पेठ बना रही है। और इन कंपनियो से जुड़े लोगो को रोजगार प्रदान कर रही है।

 

               समय के साथ मोबाइल, इंटरनेट आदि सुविधाओ मे भी हिन्दी भाषा को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। जिसका लाभ भी हिन्दी भाषा के छात्रों को मिलता दिखाई दे रहा है। हिन्दी भाषा के बढ़ते प्रभाव से हम यह कह सकते है कि समय कि मांग है हिन्दी। आने वाले समय मे हिन्दी का प्रभुत्व बढ़ता दिखाई देता है। हिन्दी भाषा भारत के साथ साथ पड़ोसी देशो मे भी तेजी से प्रचलित हो रही है। हिन्दी भाषा क्षेत्रीय भाषा के समान ही सभी और अपने विरत स्वरूप मे स्थापीत होती दिख रही है।