हाल ही में बैंक ऑफ़ बरोदा के आर्थिक मामलो के जानकर ने क्रिकेट से जुडी इकॉनमी की जानकारी देते हुए बताया हैं कि इस बार भारत में होने वाले ICC World Cup 2023 के चलते भारत की अर्थव्यवस्था में 22 हजार करोड़ से अधिक की बढ़ोतरी देखने के लिए मिल सकेगी। उनकी एक रिपोर्ट के अनुसार जिस भी शहर में क्रिकेट मैच का आयोजन हो रहा हैं उस शहर के सर्विस के सर्विस सेक्टर को बूस्टर दोसे मिलने वाला हैं।


India Has Developed Own Sports Industry

हाल ही में बैंक ऑफ़ बरोदा के आर्थिक मामलो के जानकर ने क्रिकेट से जुडी इकॉनमी की जानकारी देते हुए बताया हैं कि इस बार भारत में होने वाले ICC World Cup 2023 के चलते भारत की अर्थव्यवस्था में 22 हजार करोड़ से अधिक की बढ़ोतरी देखने के लिए मिल सकेगी। उनकी एक रिपोर्ट के अनुसार जिस भी शहर में क्रिकेट मैच का आयोजन हो रहा हैं उस शहर के सर्विस के सर्विस सेक्टर को बूस्टर दोसे मिलने वाला हैं। 

होटल्स और अन्य पब्लिक सर्विस की एडवांस बुकिंग शुरू हो गयी हैं। वर्ष 2019 के क्रिकेट वर्ल्ड कप की बात की जाए तो लगभग 55 करोड़ से अधिक लोगो के द्वारा टीवी के माध्यम से वर्ल्ड कप देखा गया था। क्रिकेट वर्ल्ड कप के प्रसारण के अधिकार खरीदने के लिए भी अच्छी मोटी रकम चुकाई जाती हैं।

भारत में बढ़ती स्पोर्ट्स इकॉनमी की बात की जाए तो हम देख सकते है कि भारत एक बड़े स्पोर्ट्स हब के रूप में भी विकसित हो रहा हैं। जिसके चलते भारत में खेल आधारित अर्थव्यवस्था आकार लेने लगी हैं। बात की जाये वर्तमान की तो हम देख सकते हैं कि भारत में क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 का आयोजन हो रहा हैं।

एक अनुमान के अनुसार बैंक ऑफ़ बरोदा से जुड़े अर्थशस्त्रीओ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा हैं कि भारत में होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप २०२३ के चलते लगभग 22000 करोड़ की इकॉनमी जनरेट होगी। जो भारत की जीडीपी को बढ़ाने का काम करेगी। स्पोर्ट्स से जुड़े बिज़नेस को इसका लाभ मिलेगा ही सही साथ भारत का सर्विस सेक्टर भी मजबूत होगा। 

बात की जाये भारत में स्पोर्ट्स इकॉनोमी की तो हम देख सकते हैं कि वर्ष 2022 में 49% की बढ़ोतरी के साथ 14000 करोड़ रू. तक पहुंच चुकी हैं। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2027 तक भारत की स्पोर्ट्स इकॉनोमी एक लाख करोड़ तक पहुंचने की संभानाएं हैं। भारत में स्पोर्ट्स इकॉनोमी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार को भी खेलो से जुड़े बजट को बढ़ने की आवश्यकता दिखाई देने लगी हैं। वर्तमान में भारत सरकार अपने कुल बजट का 2% से भी कम खर्च किया जा रहा है। जिसमे लगातार बढ़ोतरी करने की आवश्यकता हैं।  

पिछले कुछ वर्षो में भारत में खेलो के क्षेत्र में प्रदर्शन लगातार बेहतर हो रहा हैं। इसका उदाहरण हम वर्तमान में चल रहे Asian Games 2023 में देख ही सकते हैं। भारत ने पहली बार एशियाई खेलो में 100 पदक जीत कर एक रिकॉर्ड बनाया है। एशियाई खेलो में भारत का इतना बेहतरीन प्रदर्शन पहले कभी नहीं रहा।


भारत खेलो की दुनिया का उभरता सितारा


भारत में खेलो को लेकर युवाओ में रुझान तेजी से बढ़ रहा हैं। भारत में अब खेलो के नाम क्रिकेट और अन्य कुछ खेलो का वर्चस्व भी समय के साथ बदल रहा हैं। जैसे जैसे अंतराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भारत का प्रदर्शन बेहतर हो रहा हैं। उसी प्रकार से नए खेलो और नए खिलाड़ियों के आने का क्रम भी लगातार बढ़ रहा हैं। धीरे धीरे ही सही लेकिन भारत में स्पोर्ट्स इकॉनोमी अब तैयार हो रही हैं। 

भारत विश्व में एक बड़े स्पोर्ट्स हब के रूप में भी सामने आने के लिए तैयार हो रहा हैं। भारत के खिलाड़िओ का लगातार बेहतर होता प्रदर्शन इसका प्रमुख कारण बन रहा हैं। भारत में खेलो के रुझान को देखते हुए बड़े खेल आयोजनों की संख्या भी लगातार बढ़ रही हैं। इसके अंतर्गत भारत सरकार का उपक्रम 'खेलो इंडिया' सबसे बड़े आयोजनों में से एक हैं। खेलो इंडिया के अंतर्गत भारत के सभी क्षेत्रों से युवा खिलाडी भाग लेने के लिए आते हैं। 

खेलो इंडिया में प्रदर्शन के लिए पहले स्थानीय स्तर पर खिलाडी का चयन किया जाता हैं। स्थानीय स्तर पर चयन के बाद खेलो इंडिया के अंतर्गत आयोजन में प्रदर्शन के आधार पर अंतराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों के लिए खिलाड़ियों को तैयार किया जाता हैं। खेलो इंडिया के अंतर्गत चयनित खिलाड़ियों को अपनी तैयारी करने के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती हैं। एक अनुमान के अनुसार खेलो इंडिया से जुड़े खिलाडी को औसत 6 लाख रू. से अधिक के राशि दी जाती हैं। 

समय के साथ भारत हर एक क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रह हैं। जिसके चलते स्पोर्ट्स में भी भारत के लोग बड़ी मात्रा में आगे आ रहे हैं। जैसे जैसे बड़े खेल आयोजन भारत में लगातार होने लगेंगे। वैसे वैसे भारत में खेलो की स्थिति और भी बेहतर होती चली जाएगी। आज भारत हर खेल में अपना उम्दा प्रदर्शन दिखा रहा हैं।

एक समय था जब भारत में केवल क्रिकेट को ही खेल मन जाता और बाकि खेलो को किसी प्रकार की तबज्जो नहीं दी जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है भारत के नए युवा लगातार नए खेलो में भी अपना डैम दिखा रहे और नीरज चोपड़ा इसमें सबसे बड़ा नाम लेकर उभरे हैं। एक समय था जब olympic में एक या दो गोल्ड मैडल भी अजय तो बड़ी बात होती थी। लेकिन वर्तमान भारत में ऐसा नहीं।

भारत कर हर एक खिलाडी गोल्ड को लक्ष्य बना कर अपना प्रदर्शन दे रहा हैं। भारत के नए खिलाड़िओ ने गोल्ड के काम पर समझौता न के बराबर कर रहे हैं। जो हाल ही के कुछ वर्षो में दिखाई भी देने लगा हैं।