त्यौहार की चाल से बढती अर्थव्यवस्था Economic Growth During Festival Seasons |
त्यौहार की चाल से बढती अर्थव्यवस्था Economic Growth During Festival Seasons
इस Deepawali पर Bharat की economy लम्बी छलांग लगाने की तैयारी में हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा हैं क्योकि Bharat के बाजार में सकारात्मक माहौल दिखाई दे रहा हैं। बाजार में खरीदी और बिक्री में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही हैं। Deepawali का त्यौहार सड़क किनारे रेहड़ी पटरी लगाने वालो से लेकर बड़े बड़े कांच के शोरूम तक को व्यापार का अवसर देता हैं। Bharat की अर्थव्यवस्था में Deepawali का त्यौहार मील के पत्थर के समान स्थापित हो चुका हैं। अर्थतंत्र के सभी क्षेत्र दीपावली को ध्यान में रखते हुए ही अपनी योजना तैयार करने लगे हैं। यदि कोरोना महामारी के पहले और बाद के समय के अनुसार बाजार की तुलना की जाए तो वर्ष 2023 के त्यौहारी सीजन में वर्ष 2019 के मुकाबले 60% की बढ़ोतरी देखने के मिलने वाली हैं।
वर्ष 2019 के त्यौहारी सीजन में जहा 2.5 लाख करोड़ रूपए के कारोबार से बाजार जगमगा गया था। वही वर्ष 2023 में 60% की वृद्धि के साथ लगभग 4 लाख करोड़ रूपए के कारोबार का अनुमान लगाया जा रहा हैं। और ऐसा होता दिखाई भी दे रहा हैं। त्यौहारी सीजन में खरीदी करने वाले लोगो में महिलाओ का प्रतिशत भी अधिक हैं। बाजार में होने वाली खरीदारी में लगभग 1/3 भाग महिला उपभोक्ताओं का होता हैं। वर्ष 2023 में Deepawali के समय से प्रारम्भ होने वाली खरीदी में अभूतपूर्व वृद्धि देखने के लिए मिलने वाली हैं। इस बार Deepawali के त्यौहारी सीजन में लगभग 3 लाख करोड़ के कारोबार की सम्भावना देखी जा रही है। जो की भारत की अर्थव्यवस्था को एक नयी ऊंचाई पर ले जाने का काम करेगा।
इस बार Deepawali त्यौहारी सीजन में निजी और घरेलु उपयोगी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओ की मांग चरम पर हैं। जिसमे मोबाइल फ़ोन्स से लेकर वाशिंग मशीन, रेफ्रीजिरेटर, एलईडी टीवी जैसे उपकरणों की मांग अधिक हैं। इसी के साथ गैर परम्परागत घरेलु वस्तुओ का बाजार भी तेज रहने वाला हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर भी इस दीपावली भारी उछाल के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। इस बार नये होने वाले विवाहो की संख्या में बढ़ोतरी के आसार हैं। जिस प्रकार से बाजार में शादी विवाह से जुडी खरीदारी लगातार हो रही हैं। उसको देखते हुए Deepawali से ही आभूषणों की खरीदी बड़े पैमाने पर की जा रही हैं। शादी विवाह के साथ कपडे का बाजार भी उछाल मार रहा हैं। और फैशन और लाइफ स्टाइल से जुड़े बाजार Deepawali के साथ रोशन हो रहे हैं।
Bharat के त्यौहार जहां बड़े दुकानदार और व्यापार की उन्नति करते है, तो वही यही त्यौहार छोटे काम धंधे वालो को रोजगार के साथ साथ सम्मान दिलाते है। त्यौहार के समय पूजन आदि कार्यो में उपयोग आने वाली वस्तुओ जैसे कपूर, अगरबती, हवन सामग्री जैसे अनेको सामान का व्यापार भी बड़े स्तर पर होता हैं। वर्ष भर में लगभग 2.5 लाख करोड़ का कारोबार त्यौहार पर उपयोग होने वाली सामग्री से किया जाता है। सड़क किनारे बैठकर छोटी दुकान लगाने वाले से लेकर बड़ी थोक की दुकानों से यह व्यापार किया जाता हैं। अर्थतंत्र का यह क्षेत्र पूर्णरूप से त्यौहार और धार्मिक कार्यो से जुड़ा हुआ हैं। त्यौहार के समय सभी छोटे बड़े व्यापारिओं को इसका सीधा लाभ मिलता हैं। विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने में भारतीय उत्सव बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं।
समय के साथ भारत की उत्सव परम्परा और भी अधिक मजबूत होती जा रही हैं। और सामान्य लोगो में उत्सवों के प्रति सकारात्मक परिवर्तन देखा जाने लगा हैं। इसी परिवर्तन के चलते भारतीय बाजार उन्नति के शिखर पर तेजी से बढ़ रहा हैं। भारत की अर्थव्यवस्था हो रहे परिवर्तनों को हर महीने होने वाले जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों से भी समझा जा सकता हैं। सितम्बर 2023 के जीएसटी के अंतर्गत 162712 करोड़ का कलेक्शन देखा गया था। वर्ष 2023-24 के अंतर्गत यह चौथी बात हुआ है जिसमे जीएसटी का कलेक्शन 1.60 लाख करोड़ तक पहुंच चुका हैं। आने वाले समय में इसके बढ़ने के का अनुमान हैं।
अर्थव्यवस्था के दृष्टि से भारत में लगातार सकारात्मक परिवर्तनों को महसूस भी किया जा रहा हैं। भारत में लगातार स्टार्टअप्स की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही हैं। जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम किया हैं। भारतीय युवाओ का भी रुझान भी स्वरोजगार की और तेजी से बढ़ रहा हैं। और भारत में लगातार नए उद्यमी विकसित हो रहे हैं। और उद्यमिता के अनेको आयामों को गढ़ने का काम कर रहे हैं। भारत में हर एक क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। छोटे छोटे से दुकानदारों के द्वारा ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा प्रदान की जा रही हैं। भारत में यूपीआई पेमेंट सर्विस को सभी के द्वारा बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाने लगा हैं। यूपीआई के माध्यम से बेकिंग सेक्टर को खासी मजबूती मिल रही हैं। छोटे छोटे व्यापारिओं को भी बैंकिंग सुविधा से जुड़ने में सरलता हो रही हैं। जैसे जैसे भारत में बैंकिंग सुविधा सभी तक पहुंचेगी वैसे वैसे भारत की आर्थिक उन्नति होती जाएगी।
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