'ई-वे बिल विशेष'
अधिसूचना क्रमांक 6/2022 (केंद्रीय कर-दर ) में
वर्णित खाद्य पदार्थों के 25 किलो एवं उससे कम वजन के प्रीपैकेज्ड एवं लेबल्ड वस्तुओं के परिवहन हेतु ई वे-बिल की स्थिति:
१) एक राज्य से दूसरे
राज्य में - यदि जीएसटी सहित मूल्य 50000 से अधिक होता है तो
ई वे बिल लगेगा
२) एक जिले से दूसरे
जिले में-जीएसटी सहित मूल्य एक लाख से अधिक है तो ई वे बिल लगेगा l
इसी श्रेणी की 25 किलो से अधिक वजन की
वस्तुएँ जीएसटी अंतर्गत कर मुक्त होने से इन पर ई वे बिल जारी करने का दायित्व
नहीं आता है l
-वाणिज्यिक कर विभाग, मध्यप्रदेश.
जीएसटी मे एक नया अपडेट
आ गया है
करदाताओ की
सुविधाओ को ध्यान मे रखते हुए जीएसटी पोर्टल पर लगातार सुधार कार्य किया जा रहा है.
जिससे करदाताओ को पोर्टल पर रिटर्न जमा करने मे बिल्कुल भी परेशानी ना हो सके. ऐसे
ही वर्तमान मे जीएसटी पोर्टल पर ‘अतिरिक्त
ट्रेड नेम’ (ब्रांच नेम) का ओपशन आ गया है. शुरु से ही
इस ओपशन की आवश्यकता मेहसूस की जा रही थी, क्योकि एसा अक्सर होता है कि एक ही व्यापारी के एक से अधिक
प्रतिष्ठान है किंतु उनके नामो मे अंतर होता है. जिसके कारण जीएसटी मे व्यापार करने
मे परेशानी का सामना करना पड रहा था.
नये करदाताओ के साथ ही पहले से ही जिएसटी मे पंजिक्रित करदाताओ
को भी ब्रांच नेम जोडने की सुविधा मिल सकेगी. पहले से ही पंजिक्रित करदाता है वे जिएसटी
पोर्टल पर लोगिन करने के बाद सेर्विसेस मे जाकर कोर डिटेल अमेन्डमेन्ट मे जाकर एडिशनल
ट्रेड नेम के ओपशन मे जाकर अपनी ब्रांच का नाम जोड सकते है. इसके लिये गुमास्ता सर्टिफिकेट
को सपोर्टिंग डोक्युमेंट के तौर पर अपलोड कर सकेगे.
'New Updates on GST Portal'
For convenience of the taxpayers, continuous
improvement work is being done on the GST portal. So that the taxpayers should
not face any problem in submitting the return on the portal. Similarly, at
present the option of 'Additional Trade Name' (Branch Name) has come on the GST
Portal. The need for this option was being felt from the very beginning,
because it often happens that the same trader has more than one establishment
but there is a difference in their names. Due to which there was a problem in
doing business under GST.
Along with new taxpayers, the taxpayers
already registered in GST will also get the facility of adding branch names.
Already registered taxpayers, after logging on to the GST portal, can go to
Services, go to Core Detail Amendment, and add the name of their branch by
going to the option of Additional Trade Name. For this, Gumasta will be able to
upload the certificate as a supporting document.
What is a Sole Proprietorship Firm and How to Start it?
A sole proprietorship firm can be started by an individual within India. Any person who has a PAN card and Aadhar card in his name can form a sole proprietorship firm. Sole proprietorship firm is called proprietorship firm in English and the owner of the firm is called proprietor. Under a sole proprietorship firm, all rights are with its prorietor. That is, the proprietor has the right to take all kinds of decisions in relation to the firm. Along with this, all types of responsibilities associated with the firm also lie with the proprietor. If the annual turnover of the firm crosses 40 lakhs or if the proprietor wants to increase his business, then in both the cases registration of GST number can be applied for.
Small Business
Start as Proprietorship Firm with any one Local Government Registration like
Gumasta or MSME Certificate or Registration of Municipal Corporation Trade
License with Individual PAN Card and Aadhar Card to form Sole Proprietorship
Firm can do. Apart from this, to take your business to the national level, you
can also get registered in GST and start your business.
'एकल स्वामित्व फ़र्म क्या होती है और कैसे शुरू कर सकते है?'
भारत के भीतर कोई व्यक्ति एकल स्वामित्व फ़र्म शुरू कर सकता है। जिस किसी भी व्यक्ति के पास अपने नाम का पैन कार्ड और आधार कार्ड है वो व्यक्ति एकल स्वामित्व फ़र्म बना सकता है। एकल स्वामित्व फ़र्म को अँग्रेजी में proprietorship firm कहते है एवं फ़र्म के मालिक को proprietor कहा जाता है। एकल स्वामित्व फ़र्म के अंतर्गत सभी अधिकार उसके prorietor के पास होते है। अर्थात फ़र्म के संबंध में सभी प्रकार के निर्णय लेने का अधिकार proprietor को होता है। इसके साथ ही फ़र्म से जुड़े सभी प्रकार के उत्तरदायित्व भी proprietor के होते है। यदि फ़र्म का सालाना टर्नओवर 40 लाख को पार कर जाता है या proprietor अपने व्यापार को बढ़ाना चाहता है तो दोनों ही स्थिति में GST नंबर के पंजीकरण के लिए आवेदन किया जा सकता है।
एकल स्वामित्व फ़र्म बनाने के लिए व्यक्तिगत PAN कार्ड और आधार कार्ड के साथ स्थापना के पते के प्रमाण के साथ किसी भी एक स्थानीय सरकारी पंजीयन जैसे गुमास्ता या MSME सर्टिफिकेट या फिर नगर निगम ट्रेड लाईसेंस के पंजीकरण के साथ proprietorship फ़र्म के रूप मे small business शुरू कर सकते है। इसके अलावा अपने व्यापार को राष्ट्रिय स्तर पर ले जाने के लिए जीएसटी में पंजीकरन भी करवा सकते है और अपना व्यापार शुरू कर सकते है।
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