नया महीना शुरू हो चुका हैं। महीने के पहले सप्ताह में राधा के पिताजी को वेतन मिल चुका हैं और और राधा के पिताजी ने राधा की माता को घर खर्च के लिए कुछ राशि प्रदान कर दी हैं, बाकी बची राशि बैंक में savings खाते में जमा कर रखी हैं। रविवार के दिन राधा की माता मासिक खर्च का हिसाब लगा रही हैं। हमेशा खेलने में लगी रहने वाली राधा आज माता के द्वारा लगाए जा रहे हिसाब को एक कोने में खड़े होकर बड़े ध्यान से देख रही थी। इतने में माता का ध्यान राधा पर जाता हैं और ….

जब पिताजी को हर महीने पैसे मिलते हैं, तो तुम्हे पैसे की बचत करने की जरुरत क्यों हैं? - पैसे की बचत जरुरत के लिए नहीं की जाती हैं- माँ जवाब देती हैं। क्या मतलब? - राधा तपाक से पूछ पड़ती हैं।    माँ, राधा को कहती हैं- बचत के पैसे ऐसे समय पर काम आते हैं, जब हमारे पास अतिरिक्त पैसे ना हो और किसी प्रकार से अधिक पैसो की जरुरत आ पड़े।


Gharelu Bachat Ko Badhane Ke Asan Upay

आज क्या हो गया हैं राधा, तुम खेल नहीं रही हो? - माता, राधा को बिना देखे ही सवाल करती हैं। राधा एक दम से चौक जाती हैं और पूछती हैं कि आपका ध्यान तो पैसे के हिसाब में हैं, तो आप मुझे कैसे देख रही हैं? और फिर राधा, माँ के पास आकर बैठती हैं और पूछती हैं कि आप यह हर महीने के शुरू होने के साथ पैसो का हिसाब क्यों लगाती हैं। पिताजी को तो हर महीने ही पैसे मिलते हैं, तो ऐसे में हिसाब की क्या जरुरत हैं?


राधा के सवाल का जवाब देते हुए माँ कहती हैं- घरेलु bachat को बढ़ाने के लिए मैं हर महीने यह हिसाब रखती हूँ। ताकि तुम्हारे पिताजी पर पैसे को लेकर अतिरिक्त भार ना पड़े। यह घरेलु bachat क्या हैं? राधा एक दम से पूछती हैं, और जब पिताजी को हर महीने पैसे मिलते हैं, तो तुम्हे पैसे की savings करने की जरुरत क्यों हैं? - पैसे की बचत जरुरत के लिए नहीं की जाती हैं- माँ जवाब देती हैं। क्या मतलब? - राधा तपाक से पूछ पड़ती हैं। 


माँ, राधा को कहती हैं- bachat के पैसे ऐसे समय पर काम आते हैं, जब हमारे पास अतिरिक्त पैसे ना हो और किसी प्रकार से अधिक पैसो की जरुरत आ पड़े। जैसे कि! - राधा पूछती हैं। 

माँ कहती हैं- जैसे कि जब पिछले महीने तुम्हारे जन्म दिन की तैयारी चल रही थी और तुम्हारे मामा गाडी से बाजार जा रही थे और उनका मोबाइल फ़ोन और पर्स,, जिसमे जन्म दिन की तैयारी के सामान के लिए पैसे रखे थे, वह कही गुम हो गये थे, लेकिन फिर भी तुम्हारे जन्म दिन में सभी प्रकार की तैयारी पूरी कर ली गयी थी। और हम सभी ने बहुत मजे किये थे। हाँ तो - राधा कहती हैं, हाँ तोह क्या, माँ जवाब देते हुए कहती हैं - तब मेरी यह bachat के पैसे से ही सब तैयारी हुयी थी। 



तो क्या आपने पिताजी से और पैसे नहीं लिए थे - राधा अपनी माँ से आश्चर्य से पूछती हैं। तब राधा की माता पैसे के हिसाब को पूरा करते हुए कहती हैं। Bachat करने की आदत हम सभी को बनानी चाहिए। savings की आदत हमें विपरीत समय में मजबूती देने का काम करती हैं। राधा आराम से सर हिलाते हुए कहती हैं - कल से में भी savings करना शुरू करुंगी। वो कैसे करोगी - माँ पूछती हैं। 


हाँ ये तो मैंने सोचा ही नहीं! - राधा सिर खुजाते हुए कहती हैं। तो माँ बचत की शुरुवात कैसे करते हैं? - राधा आगे माँ से कहती हैं। माँ राधा को समझाते हुए कहती हैं - बचत की शुरुवात कैसे करे ? तो सुनो राधा सबसे पहले savings की शुरुवात करने के लिए हमें अपने व्यर्थ के खर्चो को कम करने की जरुरत होती हैं। व्यर्थ के खर्चे! मतलब - राधा पूछती हैं। 


व्यर्थ के खर्चे जैसे कि ऐसी जगह कम से कम पैसे खर्च करना, या फिर पैसे के खर्च को टालना, जिनको करने पर हमें किसी प्रकार नुकसान होता हो जैसे बिना वजह खरीदी करने के लिए बाजार जाना, दूसरो को देखकर उपयोग ना होने पर भी कोई वस्तु खरीद लेना, किसी को अकारण नीचा दिखाने के लिए खरीदारी करना, आवश्यकता ना होने पर भी खरीदी करना, अपनी क्षमता से अधिक खर्च करना और भी ऐसे बहुत सारे उपाय हैं, जिनको ना करने पर हम savings की शुरुवात कर सकते हैं। 



साधारण बचत क्या हैं? - राधा प्रश्न करती हैं। माँ कहती हैं - प्रतिदिन की जरुरी उपयोग की खरीदारी जैसे दूध, सब्जी और अन्य उपयोग की वस्तु खरीदने के बाद जो भी कुछ पैसे बचते हैं, उसे साधारण बचत  कहा जाता हैं। ऐसी सभी प्रकार की साधारण बचत के लिए हम घर पर रहकर ही पैसो को सुरक्षित रख सकते हैं।



माँ, और भी ऐसे तरीके बताओ ना जिससे हम जान सके कि हम बचत कहा कर सकते हैं?

हम बचत कहा कर सकते हैं? - राधा की माता प्रश्न को दोहराते हुए कहती हैं - जब हम अपने व्यर्थ के खर्चो को धीरे धीरे कम करने लगते हैं और हमारे पास पैसे की savings होने लगती हैं। तब हम छोटी बचत के पैसो को सुरक्षित रखने के लिए या तो अपने घर में किसी गुल्लक में पैसो को जमा कर सकते हैं या फिर अधिक bachat होने पर हम किसी बैंक में बचत खाता खुलवाकर भी अपनी बचत के पैसो को सुरक्षित रख सकते हैं। 


बैंक में खता खुलवाकर- तो क्या में भी अपना खाता बैंक में खुलवा सकती हूँ - राधा अपनी माता से पूछती हैं। हाँ छोटे बच्चो का भी बैंक में खाता खुलता है, लेकिन माता-पिता के साथ savings account खोलती हैं। किन्तु साधारण savings की शुरुवात के लिए घर में ही बचत करना सही रहता हैं। 


साधारण बचत क्या हैं? - राधा प्रश्न करती हैं। माँ कहती हैं - प्रतिदिन की जरुरी उपयोग की खरीदारी जैसे दूध, सब्जी और अन्य उपयोग की वस्तु खरीदने के बाद जो भी कुछ पैसे बचते हैं, उसे साधारण बचत  कहा जाता हैं। ऐसी सभी प्रकार की साधारण बचत के लिए हम घर पर रहकर ही पैसो को सुरक्षित रख सकते हैं।


माँ अपनी बात को समाप्त करते हुए कहती - लगता हैं आज तुम्हे घर के कामो को करने का मन कर रहा है राधा, जब ही तुम इतने सवाल कर रही हो।  राधा घबराते हुए कहती हैं - अरे नहीं नहीं ! मैं तो सिर्फ ऐसे ही पूछ रही थी। मैं तो सिर्फ जानना चाहती थी कि आप हर महीने हिसाब क्यों रखती हो। और क्या पिताजी भी ऐसे ही पैसो का हिसाब रखते हैं, जैसे तुम रखती हो। देखो आज रविवार हैं और घर में बहुत काम बाकि हैं, पिताजी के हिसाब की बात हम शाम को करेंगे।