How To Get GST Registration?
#GST रजिस्ट्रेशन भारतीय व्यापारियों, पेशेवरों, और सेवा प्रदाताओं के लिए आवश्यक है यदि वे कुछ विशेष मानदंडों को पूरा करते हैं। GST रजिस्ट्रेशन यह सुनिश्चित करता है कि व्यवसाय कानूनी तौर पर #GST के तहत सूचीबद्ध हैं और समय पर करों का भुगतान करते हैं।
GST रजिस्ट्रेशन की जरूरत कब पड़ती है?
1. वार्षिक टर्नओवर के आधार पर:
सेवा प्रदाता: अगर वार्षिक टर्नओवर ₹20 लाख (विशेष श्रेणी राज्यों में ₹10 लाख) से अधिक है। माल आपूर्ति करने वाले व्यापारी: अगर वार्षिक टर्नओवर ₹40 लाख (विशेष श्रेणी राज्यों में ₹20 लाख) से अधिक है।
विशेष श्रेणी राज्यों में: पूर्वोत्तर राज्य, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर आदि।
2. इंटरस्टेट सप्लाई (राज्यों के बीच व्यापार):
अगर कोई व्यवसाय एक राज्य से दूसरे राज्य में माल या सेवाओं की आपूर्ति करता है, तो #GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, चाहे टर्नओवर कितना भी हो।
3. ई-कॉमर्स ऑपरेटर या प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग:
जो व्यापारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (जैसे Amazon, Flipkart) के जरिए सामान या सेवाएं बेचते हैं, उन्हें #GST रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है।
4. Reverse Charge Mechanism (RCM):
यदि व्यवसाय Reverse Charge Mechanism के तहत करों का भुगतान करता है, तो GST रजिस्ट्रेशन आवश्यक है।
5. टीडीएस/टीसीएस लागू होने पर:
सरकारी विभाग, एजेंसियां, या ई-कॉमर्स ऑपरेटर जो TDS (Tax Deducted at Source) या TCS (Tax Collected at Source) के तहत काम करते हैं, उन्हें GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
6. ऑनलाइन सेवा प्रदाता (Non-Resident Online Service Provider):
अगर कोई गैर-भारतीय व्यवसाय भारत में ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करता है (जैसे Google, Facebook), तो उसे GST रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है।
7. स्वैच्छिक रजिस्ट्रेशन:
छोटे व्यापारी, जिनका टर्नओवर GST सीमा के अंदर है, स्वेच्छा से GST रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। ऐसा करने पर वे Input Tax Credit (ITC) का लाभ ले सकते हैं।
8. विशेष व्यवसायों के लिए अनिवार्य:
निम्नलिखित व्यवसायों के लिए GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, चाहे उनका टर्नओवर कुछ भी हो:
आपूर्ति एजेंट (Supply Agents)
बैंकिंग और वित्तीय सेवा प्रदाता
विदेशों से आयात या निर्यात करने वाले व्यापारी
ऑनलाइन डेटा एक्सेस या सूचना सेवाएं प्रदान करने वाले
GST रजिस्ट्रेशन न करने के परिणाम:
कर चोरी के मामले में दंड।
व्यापारिक सेवाओं पर Input Tax Credit (ITC) का नुकसान।
व्यापार की वैधता पर असर।
GST रजिस्ट्रेशन भारतीय व्यापारियों, पेशेवरों, और सेवा प्रदाताओं के लिए आवश्यक है यदि वे कुछ विशेष मानदंडों को पूरा करते हैं। GST रजिस्ट्रेशन यह सुनिश्चित करता है कि व्यवसाय कानूनी तौर पर GST के तहत सूचीबद्ध हैं और समय पर करों का भुगतान करते हैं।
GST रजिस्ट्रेशन की जरूरत कब पड़ती है?
1. वार्षिक टर्नओवर के आधार पर:
सेवा प्रदाता: अगर वार्षिक टर्नओवर ₹20 लाख (विशेष श्रेणी राज्यों में ₹10 लाख) से अधिक है।
माल आपूर्ति करने वाले व्यापारी: अगर वार्षिक टर्नओवर ₹40 लाख (विशेष श्रेणी राज्यों में ₹20 लाख) से अधिक है।
विशेष श्रेणी राज्यों में: पूर्वोत्तर राज्य, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर आदि।
2. इंटरस्टेट सप्लाई (राज्यों के बीच व्यापार):
अगर कोई व्यवसाय एक राज्य से दूसरे राज्य में माल या सेवाओं की आपूर्ति करता है, तो GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, चाहे टर्नओवर कितना भी हो।
3. ई-कॉमर्स ऑपरेटर या प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग:
जो व्यापारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (जैसे Amazon, Flipkart) के जरिए सामान या सेवाएं बेचते हैं, उन्हें GST रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है।
4. Reverse Charge Mechanism (RCM):
यदि व्यवसाय Reverse Charge Mechanism के तहत करों का भुगतान करता है, तो GST रजिस्ट्रेशन आवश्यक है।
5. टीडीएस/टीसीएस लागू होने पर:
सरकारी विभाग, एजेंसियां, या ई-कॉमर्स ऑपरेटर जो TDS (Tax Deducted at Source) या TCS (Tax Collected at Source) के तहत काम करते हैं, उन्हें GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
6. ऑनलाइन सेवा प्रदाता (Non-Resident Online Service Provider):
अगर कोई गैर-भारतीय व्यवसाय भारत में ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करता है (जैसे Google, Facebook), तो उसे GST रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है।
7. स्वैच्छिक रजिस्ट्रेशन:
छोटे व्यापारी, जिनका टर्नओवर GST सीमा के अंदर है, स्वेच्छा से GST रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। ऐसा करने पर वे Input Tax Credit (ITC) का लाभ ले सकते हैं।
8. विशेष व्यवसायों के लिए अनिवार्य:
निम्नलिखित व्यवसायों के लिए GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, चाहे उनका टर्नओवर कुछ भी हो:
आपूर्ति एजेंट (Supply Agents)
बैंकिंग और वित्तीय सेवा प्रदाता
विदेशों से आयात या निर्यात करने वाले व्यापारी
ऑनलाइन डेटा एक्सेस या सूचना सेवाएं प्रदान करने वाले
GST रजिस्ट्रेशन न करने के परिणाम:
कर चोरी के मामले में दंड।
व्यापारिक सेवाओं पर Input Tax Credit (ITC) का नुकसान।
व्यापार की वैधता पर असर।
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