Composition Scheme of GST 

जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत कंपोजिशन स्कीम एक विशेष योजना है, जिसे छोटे व्यवसायों और करदाताओं को कर अनुपालन को सरल बनाने के लिए पेश किया गया है। यह योजना उन छोटे व्यवसायों को राहत देती है, जिनकी वार्षिक टर्नओवर एक निश्चित सीमा से कम है। इस स्कीम के तहत, करदाताओं को अपने कुल कारोबार पर एक निर्धारित दर से कर का भुगतान करना होता है और वे नियमित जीएसटी रिटर्न फाइलिंग से बच सकते हैं।


Composition Scheme of GST
 Composition Scheme of GST 


कंपोजिशन स्कीम की विशेषताएँ:

  1. टर्नओवर सीमा:
    • विनिर्माण और व्यापार क्षेत्र के लिए: ₹1.5 करोड़ तक।
    • पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के लिए: ₹75 लाख तक।
    • सेवा प्रदाताओं के लिए: ₹50 लाख तक।
  2. कर की दरें:
    • निर्माता और व्यापारियों के लिए: 1%
    • रेस्तरां (जिनमें शराब परोसने का काम नहीं होता): 5%
    • सेवा प्रदाताओं के लिए: 6%

  3. इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) नहीं:
    कंपोजिशन स्कीम के तहत रजिस्टर्ड व्यापारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलता।
  4. रिटर्न फाइलिग:
    इस योजना के तहत करदाता को हर तिमाही में फॉर्म CMP-08 के माध्यम से कर का भुगतान करना होता है और सालाना रिटर्न फॉर्म GSTR-4 भरना होता है।
  5. सीमाएं और प्रतिबंध:
    • अंतरराज्यीय व्यापार (Inter-State Supply) करने वालों को इस योजना का लाभ नहीं मिलता।
    • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए व्यापार करने वालों पर यह लागू नहीं होती।
    • जो टैक्स योग्य सेवाएं प्रदान करते हैं, उन्हें सीमित छूट दी जाती है।

कंपोजिशन स्कीम के फायदे:

  • कर दरें कम होती हैं।
  • जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया सरल होती है।
  • छोटे व्यवसायों को अनुपालन में आसानी होती है।

कंपोजिशन स्कीम के नुकसान:

  • इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलता।
  • ग्राहक को कोई टैक्स इनवॉइस नहीं दिया जा सकता।
  • व्यापार करने के कुछ क्षेत्रों और तरीकों पर पाबंदियां हैं।

यह योजना छोटे व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं के लिए सरल और लाभदायक हो सकती है, लेकिन यह बड़े कारोबार या अंतरराज्यीय व्यापार करने वालों के लिए उपयुक्त नहीं है।